मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

मुझसे तो अच्छे , ये कबूतर है ......

मुझसे तो अच्छे , ये  कबूतर है ......
जिन्हें तुम , रोज डालती हो दाना,
ये लिपट जाते है, तुमसे करके,
चुगने का बहाना,
आ बैठते है, पास तुम्हारे ,
बने रहते है, चहेते और प्यारे,
फिदा हो तुम, इन पर,
लगते, तुम्हे ये जान से प्यारे,
काश  के मैं , भी कबूतर,
होता, 
और तुम्हारे, आगोश,
में, दाना चरने , बैठ जाता ,
उगली को पकड़, धीरे से सहलाता,
सुन्दरता, को करीब से देख पाता ,
अदाओ, पे  फिदा हो जाता,
इसके आलावा मुझे, 
कोई दूसरा काम, न होता,
कितना  होता, 
खुश नसीब , ,मैं , 
जो मेरे उपर ,
तुम्हारे प्यार का,
साया होता,   
......यशपाल सिंह 

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