शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

अगर तुम मेरे हो जाओ , तो...........


अगर तुम मेरे हो जाओ ,
तो...........
मुझेकिसी तमन्ना की,
दरकार ना रहे,
जिन्दगी यूँ  अधूरी न रहे,
आपस  में कोई दुरी  न रहे ,
प्यार में कोई मज़बूरी न रहे,
खत्म हो जाये ,
ये जिन्दगी का अनजाना सफर,
मिल जाये  मंजिल मुझे ,
अगर तुम मेरे हो जाओ ,
तो...........
मेरी
कोई तलाश ,अधूरी न रहे ,
बीतजाये ये  उम्र बस,
प्यार की अठखेलिया में ,
यूँ ही  रूठने मनाने में ,
तुम्हारे नाज उठने में,
खेलने और खाने में,
हंसने और हंसने में,
बच्चे खिलने में ,
अगर तुम मेरे हो जाओ ,
तो...........

मुझे
इस  जीवन की जरूरत न रहे! 
....यशपाल सिंह "एडवोकेट"

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