सोमवार, 19 सितंबर 2011

हम कहाँ है,


हम
कहाँ है,
यहीं आपके पास , 
दिल के किसी कोने में ,
छोटा सा स्थान  घेर, कर ,
अपना, घर बनाये बैठे है,
हम  यही पर  , छुपे बैठे है ,
और इंतजार में है की आप ,
कभी तो हमारी तलाश करोगे ,
और हमे अपने .दिल में ढूढ़ लोगे ,
फिर, प्यार से लगाओ , गले से,
मुझे 
आँखों में ,
बसा , लोगे, या
आगोश में भर कर 
और मुझे सीने से लगा लोगे ,
या  , करते हुए ,प्यार की बरसात ,
प्यार  में  लवो से लवो को टकराओगे ,
तुम  यु ही शरमाकर दूर भाग जाओगे,
या,
फिर 
अपने ,दिल 
में छुपने की 
न, जाने ,मुझे,
तुम , कितनी बड़ी ,
सजा  दोगे , रहने दोगे ,
अपने दिल में ,यह  मेरा घर ,या 
गिराकर , किसी और को उसमे पनाह दोगे !
........यशपाल सिंह 

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