हम
कहाँ है,
यहीं आपके पास ,
दिल के किसी कोने में ,
छोटा सा स्थान घेर, कर ,
अपना, घर बनाये बैठे है,
हम यही पर , छुपे बैठे है ,
और इंतजार में है की आप ,
कभी तो हमारी तलाश करोगे ,
और हमे अपने .दिल में ढूढ़ लोगे ,
फिर, प्यार से लगाओ , गले से,
मुझे
आँखों में ,
बसा , लोगे, या
आगोश में भर कर
और मुझे सीने से लगा लोगे ,
या , करते हुए ,प्यार की बरसात ,
प्यार में लवो से लवो को टकराओगे ,
तुम यु ही शरमाकर दूर भाग जाओगे,
या,
फिर
अपने ,दिल
में छुपने की
न, जाने ,मुझे,
तुम , कितनी बड़ी ,
सजा दोगे , रहने दोगे ,
अपने दिल में ,यह मेरा घर ,या
गिराकर , किसी और को उसमे पनाह दोगे !
........यशपाल सिंह
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