हास्य कविता .....;
महोदय, चले योग करने ....
जब ,
मेरा मोटा हुआ, पेट
और बढने लगा, वेट,
तो शरीर को बेडोल ,
होने की चिंता ने सताया,
मेडम के कहने पर,, कि,
तलाश ,
तो
मुझे,
योग सिखाता, एक
गुरु, नजर आया,
गुरु जी को मैंने,
अपनी समस्या बताई,
गुरु जी ने कहा, अब चिंता
मत कर भाई ,
बस,
अब सुबह चार बजे,
उठने के फिक्र लग जा,
ज्वाइन कर रोज क्लास,
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फिर , क्या था,
घड़ी, में लगने, लगा
रोज अलार्म,
चार बजे , हो जाती ,
दिनचर्या स्टार्ट,
मेडम, मुझे
एक पल जायदा,
सोने न देती,
बस,
सुबह की सुहानी नींद,
हो गयी बर्बाद,
योग, ज्वाइन करने का,
होने लगा मुझे पश्चाताप,
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गुरु जी, बोले
पहले करो हल्का-हल्का
व्यायाम,
उसके बाद, प्राणायाम!
फिर, योग का असर
देखना,
ये वर्षो से,
बंजर और वीरान पड़े खेत,
इस, बार फसलो से लहरायेगे,
यानि,
तुम्हारे, इस टकले सिर पर ,
जल्द, ही बाल उग आयेगे,
कम होगा पेट,
घट जायेगा वेट,
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मैने,
सोचा, अच्छा होगा,
करुगा योग,
कम होगा पेट,
शरीर हो जायेगा अपडेट,
फिर तो,
लड़किया मुझ पर लाइन मारेगी,
कुछ करेगी फोन,
कुछ करेगी मेल,
कुछ करेगी एस एम एस,
तो कुछ,
सिर्फ,मिस काल ही मारेगी,
अगर ऐसा हुआ,
तो मुझ पर फिर से,
जवानी आएगी,
मेरी उम्र ३२ की बजाये,
२२ की नजर आएगी,
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और
अगर,
योग, महिलाये भी करे ,
तो वे भी अपडेट,
हो जाएगी,
उनकी वो बात,
सच हो जाएगी,
क्या ?
..... वे पिछले,
की सालो से,
उम्र , पूछे जाने पर
डाक्टर, के पर्चो पर,
अपनी उम्र, जो २४ की,
की लिखवाती आई है,
वे यदि,
योग, पर हाथ आजमायेगी ,
तो १९ की नजर आएगी,
बिना डायटिग किये,
अपना वेट घटाएगी,
65 के बजे 45 किलो पर आएगी,
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योग,
करता रहा मैं निरंतर,
एक दिन ऐसा हुआ,
की, अचानक,
मेरे पेट में बहुत दर्द हुआ,
मुझे,
घर में दवाई नही दी गयी,
गुरु जी के बताये,
हथेली के प्वाइंटो को दबाकर ,
मेरा इलाज शुरू हुआ,
बस,
कराह उठा मैं,
पेट में कम था,
हथेली में ज्यादा दर्द हुआ,
....यशपाल सिंह"एडवोकेट"
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