YASHPAL SINGH ADVOCATE
पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
मुखपृष्ठ
RAMPUR MANIHARAN
▼
सोमवार, 13 जुलाई 2015
मोती बने अगर, आंसू तुम्हारे,
›
मोती बने अगर, आंसू तुम्हारे, अपने आँचल,. में समेट लूँगा।.... सितारे बन बरसे, ....घर मेरे, अपने आँगन में,. समेट लूँगा।.... बदरा बन ब...
गुरुवार, 25 जून 2015
ये सुंदर शब्द कहाँ से लाते है।...
›
उनके सब्र का..... ...बाँध टूटा, कल उन्होंने पूछ... ..ही लिया, कि आप... .....लिखने के लिए, ये सुंदर शब्द कहाँ से लाते है।.... मैंने,बड़...
गुरुवार, 18 जून 2015
तुम बिन ये बरसात, .........अब अच्छी नही लगती,
›
तुम बिन ये बरसात, ...........अब अच्छी नही लगती! ***************************************** तुम्हारे संग गुजरे हुए ................. .पलो...
बुधवार, 17 जून 2015
लौटकर अब, ..वो गुजरे जमाने नही आते।
›
लौटकर अब, ..वो गुजरे जमाने नही आते। ******************************************* खाया करते थे.... .....जो कभी कसमे, साथ मेरे जीने की....
1 टिप्पणी:
सोमवार, 15 जून 2015
तुम्हें, कुछ लिखना..... हो अगर,
›
तुम्हें, कुछ लिखना..... हो अगर, तो, मेरे मन के ख्यालात लिख दो। कुछ अहसास....... लिखो, कुछ जज्बात ....लिख दो। तुम्हें, कुछ लिखना..........
रविवार, 14 जून 2015
›
शुक्रवार, 12 जून 2015
›
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें