शुक्रवार, 12 जून 2015

तुम, ....गर्मी के बहाने,

तुम, ....गर्मी के बहाने, 
बांधकर, चेहरे पर कपड़ा,
होटो के काले तिल को,
यूँ, ही छिपाये रखना।....

काले, चश्मे के पीछे,
कातिल... नैनों को,
यूँ ही, छिपाये रखना।....

वरना, न जाने, कितने,
होंगे, जख्मी।
न जाने, कितने,
संसार के पार होंगे।...
••© Yashpal Singh 
19-5-2015. 3:40pm

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें