शुक्रवार, 12 जून 2015

मैं, तलाश-ता रहा उन्हें।

मैं, तलाश-ता रहा उन्हें।
पत्थर' तरास कर।
मुझे, पता ही नही, चला...
अपने हुनर का।
न जाने कब....
मूर्तिकार बन गया।
..©Yashpal Sinhg "Advocate" 12-05-2015
10:43am





ये जमाना भी, अज़ीब है,......दोस्तों,
मैं "तन्हाई" पर, शोध करने चला था।
और लोगो ने, मुझे ही।
"तन्हा"..समझ लिया।
....©Yashpal Singh "Advocate"
29/4/2015 - 1:55pm


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