गुरुवार, 12 फ़रवरी 2015

मैंने, "रोज डे" पर, उन्हें, .

मैंने, "रोज डे" पर,
उन्हें, सलाम लिख दिया।
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डालियों, से काँटों, को चुना मैंने,
फूलों, को तेरे नाम लिख दिया|
मैंने, "रोज डे" पर,
उन्हें, सलाम लिख दिया।
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देखा, उनकी और
,नजरें थी, झुकी हुई।
उठी, तो ये पैगाम लिख दिया
मैंने, "रोज डे" पर,
उन्हें, सलाम लिख दिया।
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तुम, मानों या ना मानो,
मैंने,अपने गुलाबी दिल को,
धडकनों सहित, 
तुम्हारे नाम लिख दिया।
मैंने, "रोज डे" पर,उन्हें, 
सलाम लिख दिया।
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. ©.Yashpal Singh "Advocate"..6/2/2015

आज तुम घर से नही निकलोगे,...

आज तुम घर से नही निकलोगे,
ऐसा, श्रीमती जी ने प्रतिबन्ध लगाया।
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"रोज" डे गया, "चाकलेट" डे गया,
"हग" डे गया, "किस" डे गया,
जैसे ही, 
"वेलेंन्टान डे" का नम्बर आया...
आज तुम घर से नही निकलोगे,
ऐसा, श्रीमती जी ने प्रतिबन्ध लगाया।
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अगर, आज तुमने किसी भी, 
पड़ोसन से हंसकर,
की बातें, और आँख,
उठाकर भी देखा,तो मैं, 
संमझुगी, की तुमने,
"वेलेंन्टान डे" है, मनाया..
आज तुम घर से नही निकलोगे,
ऐसा, श्रीमती जी ने प्रतिबन्ध लगाया।
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आज तुम, पूजा के लिए,
लाल फुल लेकर,
मन्दिर भी नही, ..जाओगे,
न जाने किसके हाथ में,
फूल थमा,
वेलेंन्टान डे बोल दो,
ऐसी आशंका को जताया...
आज तुम घर से नही निकलोगे,
ऐसा, श्रीमती जी ने प्रतिबन्ध लगाया।
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आज तुम, 
मोर्निग वाक पर,
पार्क भी नही जाओगे,
क्योकि,  शिवसेना और बजरंग दल,
वहाँ विराजमान है,
तुम्हारे, साथ टहलती देख,
न जाने किस महिला से,
जबरदस्ती शादी करा दें।
उन्होंने ऐसा, ऐलान है कराया....
आज तुम घर से नही निकलोगे,
ऐसा, श्रीमती जी ने प्रतिबन्ध लगाया।
..©यशपाल सिंह"एडवोकेट"13/2/2015 9:50pm..6/2/2015