शनिवार, 17 दिसंबर 2011

मेरे पास होने का , अहसास करना...........


मेरे पास होने का , अहसास करना...........
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जब,
सर्दियों की ठंडी,हवा चले,
यादों, को सहला जाये,
तब,
मुझे , तुम याद  करना,
निकल, आउगा , मैं  फोटो से ,
बस, आँखें मुंद, फैलाकर अपनी बाँहे,
मेरे पास होने का , अहसास करना...........
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तुम, 
समझना, घने कुहरे को , बंद कमरा ,
कुहरे, अपारदर्शिता को , तन्हाई,
सर्द , मौसम को, प्यार का मौसम,
और, इन दिल छु जाने वाली, 
हवाओ को,
मेरे ,  आने का अहसास ,
बैचेनी, को सर्दियों की प्यास ,
बस, थमाकर अपने, हाथ  में,
गर्म,  काफ़ी का प्याला ,
मेरे, आने का इंतजार करना , 
बस, आँखें मुंद, फैलाकर अपनी बाँहे,
मेरे पास होने का , अहसास करना...........
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दिल, से ...
हो, सकता है कि, तुमे ठंड लग रही हो,
उत्साह, कि कमी हो, 
आलशय, छाया हो तुम पर,
यादों, में भी नमी हो,
बस , इतना रखना, ध्यान, 
ना, निकलना, मुझे और मेरी यादों को,
अपने, दिल से,
जब, तक मैं रहूँगा वहाँ पर.
तब , तक एक अजब सी गर्मी ,
रहेगी, तुम्हारे सीन में,
जलता रहेगा, ये दिल, 
जैसे- अलाव ,
वो भी, बिन, 
इंधन,
सुलगती,
रहेगी, कोई ना कोई , चिंगारी,
बिना , चमके 
बिना , आवाज 
बिना,  बुझे,  
कंही ना कंही ,
उम्र  भर, 
ऐसे में,
बस, आँखें मुंद, फैलाकर अपनी बाँहे,
मेरे पास होने का , अहसास करना...........
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अकेला ना , 
समझना अपने आपको,
मैं, छुपा रहंगा, तुम्हारे ह्रदय में,
सुलगती, चिंगारी के रूप में ,
गर्म, करता रहुँगा,
तुम्हारे, रात और दिन,
हर पल , रहुगा तुम्हारे साथ,
तुमने, 
जब,  दिल लगाया  था , मुझसे,
उस, दिन को याद करना ,
बस, आँखें मुंद, फैलाकर अपनी बाँहे,
मेरे पास होने का , अहसास करना...........
-------यशपाल सिंह"एडवोकेट"

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