सोमवार, 14 नवंबर 2011

नही भूला मैं, बरसात का वो दिन..


नही भूला  मैंबरसात का वो दिन 
वो तुम्हाराऔर मेरा,
अकेले  में मिलना !
देर तक .......
चुप्पी सादे रहना !
बरवक्त  बरसात  का....
आ जाना,
वो बारिश में भीगना,
वो प्यार भरी,  
प्यारी बाते,
वो तुम्हारा पास आना 
तुम्हाराभीगा बदन,... 
जुल्फों से, पानी का टपकना !
तुम्हारी, गर्म सासों......
की गर्माहट, का !
मेरी , 
गर्म सासों से टकराना !  
तुम्हारे, भीगे बदन का......
मेरे , बदन से टकराना !
बिजली का चमकना ! 
बादल की की तेज आवाज से! 
डर कर, मुझसे लिपट जाना !
तुम्हारी  बाहों की....
जकडन का अहसास....
आज भी है, मेरे पास... 
वो प्यार, वो मनुहार,
मेरे ऊपर वो ...
चुम्बनों की बौछर....



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें