बुधवार, 19 जनवरी 2011

एक साँवली लड़की

एक साँवली लड़की

शांत, स्निग्ध

धूप में बैठी हुई

अपने घुटनों पर झुकाए सर

सुखाती हुई

गीले बालों को

वह सद्यस्नाता

साँवली लड़की।

छिपाए है

अपने पाँव

गर्म शाल में तह किए।

अधूरी सी मुस्कान

वह लड़की उदास है

जाड़ा बीत जाएगा

इस बार भी

नहीं लगेगी महावर

उसके पाँवों में

नहीं गूँथा जाएगा

उसका माथा

सारी सहेलियों के हाथों से

और न कोई

गीत ही गाया जाएगा

उसकी विदाई के लिए।

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